कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने आज प्रधानमंत्री और पार्टी प्रमुख के पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने इस बात की घोषणा देश को संबोधित करते हुए की। रिपोर्ट्स के अनुसार, ट्रूडो तब तक प्रधानमंत्री पद पर बने रहेंगे जब तक उनका उत्तराधिकारी नहीं चुना जाता। लिबरल पार्टी के सांसदों द्वारा कई महीनों से ट्रूडो पर पद छोड़ने का दबाव डाला जा रहा था। 16 दिसंबर को वित्त मंत्री के इस्तीफे के बाद उन पर और अधिक दबाव बढ़ गया था। इससे ट्रूडो की स्थिति कमजोर होती जा रही थी। कनाडा में इस साल संसदीय चुनाव होने वाले हैं, और ट्रूडो के इस्तीफे के बाद समय से पहले चुनाव कराने की मांग उठ सकती है। खबरों के अनुसार, बुधवार को लिबरल पार्टी की नेशनल कॉकस की बैठक होने वाली है। ऐसा माना जा रहा है कि इस बैठक में ट्रूडो को विरोध का सामना करना पड़ सकता था, जिसके चलते उन्होंने इससे पहले ही अपना इस्तीफा सौंप दिया।
कई सांसदों ने ट्रूडो के खिलाफ बगावत की
अक्टूबर में ट्रूडो की पार्टी के 24 सांसदों ने उनसे खुले तौर पर इस्तीफा देने की मांग की थी। इसके अलावा, निजी बैठकों में भी कई लोग उनसे पद छोड़ने को कह चुके हैं।
पिछले महीने कनाडा की उप प्रधानमंत्री और वित्त मंत्री क्रिस्टिया फ्रीलैंड ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। इस इस्तीफे के बाद ट्रूडो पर दबाव और बढ़ गया है। क्रिस्टिया का कहना था कि ट्रूडो ने उनसे वित्त मंत्री पद छोड़कर किसी अन्य मंत्रालय की जिम्मेदारी लेने के लिए कहा था। फ्रीलैंड के इस्तीफे के बाद से ट्रूडो सार्वजनिक कार्यक्रमों या मीडिया ब्रीफिंग्स से दूरी बनाए हुए हैं और अपना अधिकतर समय रिसॉर्ट में बिता रहे हैं।
ट्रूडो के पास बहुमत नहीं
फिलहाल, कनाडा की संसद के हाउस ऑफ कॉमन्स में लिबरल पार्टी के 153 सांसद हैं। कॉमन्स में कुल 338 सीटें हैं और बहुमत के लिए 170 सीटों की जरूरत होती है। पिछले साल, ट्रूडो सरकार की सहयोगी न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी (NDP) ने अपने 25 सांसदों का समर्थन वापस ले लिया था। NDP खालिस्तानी समर्थक कनाडाई सिख नेता जगमीत सिंह की पार्टी है।
गठबंधन टूटने के कारण ट्रूडो सरकार अल्पमत में आ गई थी। हालांकि, 1 अक्टूबर को हुए बहुमत परीक्षण में ट्रूडो की लिबरल पार्टी को दूसरी पार्टी का समर्थन मिल गया था, जिससे ट्रूडो ने फ्लोर टेस्ट पास कर लिया था। विपक्षी कंजरवेटिव पार्टी के पास 120 सीटें हैं।
अब NDP नेता जगमीत सिंह ने प्रधानमंत्री ट्रूडो के खिलाफ फिर से अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला किया है। पिछले महीने जगमीत सिंह ने कहा था कि वे अगले महीने अल्पमत वाली लिबरल सरकार को गिराने के लिए कदम उठाएंगे ताकि देश में फिर से चुनाव कराए जा सकें। कनाडा में 27 जनवरी से संसद की कार्यवाही शुरू होगी।
कनाडा में इस साल चुनाव होने वाले हैं
कनाडा में 2025 में प्रधानमंत्री पद के लिए चुनाव होने हैं, जो अक्टूबर से पहले कराए जाएंगे। प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा है कि वे अगला चुनाव लड़ने के लिए लिबरल पार्टी का नेतृत्व करने की योजना बना रहे हैं। हालांकि, पार्टी के कई नेता उन्हें प्रधानमंत्री उम्मीदवार के रूप में पसंद नहीं कर रहे हैं। ट्रूडो चौथी बार प्रधानमंत्री पद की दौड़ में हैं। पिछले 100 वर्षों में कनाडा में कोई भी प्रधानमंत्री लगातार चार बार चुनाव जीतकर सत्ता में नहीं आया है। ट्रूडो की लिबरल पार्टी के पास संसद में अकेले बहुमत हासिल नहीं है। पूर्व प्रधानमंत्री पियर ट्रूडो के बड़े बेटे, जस्टिन ट्रूडो, 2013 में लिबरल पार्टी के प्रमुख बने थे। इसके बाद 2015 में उन्होंने पहली बार प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। ट्रूडो ने अपनी पहचान एक उदारवादी नेता के रूप में स्थापित करने में सफलता पाई थी।
लिबरल पार्टी में ट्रूडो की जगह मेलानी जोली ले सकती हैं
अगर ट्रूडो इस्तीफा देते हैं, तो लिबरल पार्टी के सामने सबसे बड़ी चुनौती एक लोकप्रिय नेता को खोजने की होगी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, विदेश मंत्री मेलानी जोली, डोमिनिक लेब्लांक और मार्क कानी जैसे नाम ट्रूडो की जगह लेने के संभावित उम्मीदवार हैं। लिबरल पार्टी में नया नेता चुनने के लिए एक विशेष सम्मेलन बुलाया जाता है, और इस प्रक्रिया में कई महीने लग सकते हैं। यदि पार्टी के पास तत्काल कोई प्रमुख स्थानीय नेता नहीं होता और चुनाव कराए जाते हैं, तो इससे लिबरल पार्टी को नुकसान हो सकता है।