कैथल:
विजिलेंस ब्यूरो ने रिश्वत लेने के आरोप में एक कानूनगो और उसके दलाल को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। यह कार्रवाई कैथल में की गई, जहां दोनों आरोपी जमीन की निशानदेही के बदले शिकायतकर्ता से पांच लाख रुपये रिश्वत ले रहे थे।
क्या है मामला?
एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की टीम ने पंचकूला जमीन अधिग्रहण विभाग के कानूनगो कर्मवीर और एक दलाल चरण सिंह को गिरफ्तार किया। आरोप है कि दोनों ने जमीन की निशानदेही के बदले शिकायतकर्ता से पहले 30 लाख रुपये मांगे थे। बातचीत के बाद शिकायतकर्ता ने 20 लाख रुपये दे दिए। इसके बाद निशानदेही पूरी करने के लिए 5 लाख रुपये और मांगे गए।
कैसे हुई गिरफ्तारी?
शिकायतकर्ता राजकुमार ने विजिलेंस ब्यूरो में शिकायत दर्ज कराई थी। उसने बताया कि सेक्टर-18 में खरीदी गई जमीन की निशानदेही के लिए उसने पावर ऑफ अटॉर्नी के साथ संबंधित विभाग के कर्मवीर से संपर्क किया। इस काम के लिए उससे रिश्वत की मांग की।
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मंगलवार को, कैथल में हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण कार्यालय के बाहर शाम करीब 7 बजे, शिकायतकर्ता ने जैसे ही कर्मवीर और चरण सिंह को 5 लाख रुपये सौंपे, विजिलेंस की टीम ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। दोनों ने भागने की कोशिश की, लेकिन टीम ने उन्हें काबू कर लिया।
कैमिकल–लगे नोट बरामद
टीम ने आरोपियों के पास से रिश्वत के तौर पर लिए गए पांच लाख रुपये बरामद किए। नोटों पर केमिकल लगा हुआ था जब आरोपियों के हाथ धोए गए, तो पानी का रंग लाल हो गया, जिससे रिश्वत का सबूत मिल गया।
आगे की कार्रवाई
इंस्पेक्टर सूबे सिंह ने बताया कि दोनों आरोपियों को पूछताछ के बाद बुधवार को अदालत में पेश किया जाएगा। इस घटना से हरियाणा शहरी विकास प्राधिकरण और आसपास के कार्यालयों में हड़कंप मच गया है।
ट्रैप और जांच प्रक्रिया
शिकायत की सत्यता जांचने के लिए किसान एवं कल्याण विभाग के उप निदेशक डॉ. बाबू लाल को ड्यूटी मजिस्ट्रेट नियुक्त कर टीम का गठन किया गया था। ट्रैप के दौरान टीम ने यह सुनिश्चित किया कि आरोपियों को मौके पर ही रंगे हाथ पकड़ा जाए।
निष्कर्ष
विजिलेंस की इस कार्रवाई ने रिश्वतखोरी के मामलों में सख्त संदेश दिया है। अब मामले की गहन जांच जारी है, और आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत केस दर्ज किया गया है।