उज्जैन: जिले के महिदपुर विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच विवाद ने हिंसक रूप ले लिया। भाजपा के पूर्व विधायक और प्रदेश बीजेपी के उपाध्यक्ष बहादुर सिंह चौहान के साथ मारपीट की घटना हुई। यह घटना स्वागत कार्यक्रम के दौरान हुई, जहां प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल, सांसद अनिल फिरोजिया और अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे। मारपीट का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
घटना का पूरा विवरण
महिदपुर विधानसभा क्षेत्र में प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल और सांसद अनिल फिरोजिया का स्वागत करने के लिए जगह-जगह मंच लगाए गए थे। इसी क्रम में नारायण रोड पर भी एक स्वागत मंच बनाया गया था, जहां बड़ी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता और नेता उपस्थित थे। मंच पर प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल, सांसद अनिल फिरोजिया, भाजपा विधायक सतीश मालवीय और पूर्व विधायक बहादुर सिंह चौहान पहुंचे थे।
मंच पर स्वागत के बाद जब बहादुर सिंह चौहान नीचे उतरे, तो कुछ लोगों ने अचानक उन पर हमला कर दिया। उनके साथ मारपीट शुरू हो गई। यह दृश्य देखकर प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल तुरंत मंच से नीचे उतरे और हमलावरों को धक्का देकर भगाने की कोशिश की।
पार्टी के अंदरूनी मतभेद का नतीजा
जानकारी के मुताबिक, यह विवाद लंबे समय से पार्टी के अंदर चल रहे मतभेद का परिणाम है। जिस स्थान पर यह घटना हुई, वह मंच भाजपा से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले प्रताप सिंह आर्य द्वारा लगाया गया था। कहा जा रहा है कि मारपीट करने वाले प्रताप सिंह आर्य के समर्थक थे।
गौरतलब है कि 2018 के विधानसभा चुनावों में प्रताप सिंह आर्य ने भाजपा के टिकट न मिलने के कारण निर्दलीय चुनाव लड़ा था। उनका मुकाबला भाजपा के पूर्व विधायक बहादुर सिंह चौहान से हुआ था। तभी से दोनों नेताओं के बीच मतभेद चल रहे हैं, जो अब इस हद तक बढ़ गए कि पार्टी के कार्यक्रम में खुलेआम हिंसा हो गई।
घटना से पार्टी की छवि पर असर
इस घटना ने पार्टी की एकजुटता और अनुशासन पर सवाल खड़े कर दिए हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के सामने इस तरह की घटना से भाजपा की छवि को नुकसान पहुंचा है। हालांकि, प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल के हस्तक्षेप के बाद स्थिति को काबू में कर लिया गया, लेकिन यह घटना पार्टी के भीतर गहराते मतभेदों को उजागर करती है।
आगे की कार्रवाई की उम्मीद
पार्टी के नेताओं ने इस घटना की जांच के संकेत दिए हैं। मारपीट में शामिल लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है। भाजपा के लिए यह घटना एक बड़ा झटका है, खासकर जब चुनावी मौसम में पार्टी एकजुटता की कोशिश कर रही है।