रतन टाटा की एक ख्वाहिश थी कि लोग उन्हें एक ऐसे व्यक्ति के रूप में याद करें जिसने कभी किसी को ठेस नहीं पहुंचाई और हमेशा उद्योग के हित में काम किया। यह बात उन्होंने 2014 में कोलकाता में इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स के लेडीज स्टडी ग्रुप के साथ एक कार्यक्रम के दौरान साझा की थी।
‘मुझे बदलाव लाने वाले व्यक्ति के रूप में याद किया जाए’
2018 में CNBC के साथ एक साक्षात्कार में रतन टाटा ने कहा था, “मैं चाहता हूं कि लोग मुझे एक ऐसे इंसान के रूप में याद करें, जिसने बदलाव लाया। इससे ज्यादा कुछ नहीं।” इसके साथ ही, 2021 में दिए एक अन्य इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि उनका उद्देश्य दुनिया को एक अलग दृष्टिकोण देने और सकारात्मक परिवर्तन लाने का रहा है।
टाटा ग्रुप को बनाया वैश्विक संगठन
रतन टाटा के नेतृत्व में, टाटा ग्रुप ने स्टील, ऑटोमोबाइल, सूचना प्रौद्योगिकी और आतिथ्य जैसे क्षेत्रों में अपनी उपस्थिति का विस्तार किया। उन्होंने टाटा मोटर्स को मजबूत बनाया और जगुआर एवं लैंड रोवर जैसे ब्रांड्स का अधिग्रहण कर इसे वैश्विक स्तर पर स्थापित किया। इसके अतिरिक्त, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज (TCS) को उनकी दूरदर्शिता ने विश्व की शीर्ष आईटी सेवा कंपनियों में से एक बना दिया।
उनका मानना था कि बिजनेस केवल मुनाफा कमाने तक सीमित नहीं है; यह उन समुदायों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने के लिए है, जो इन कंपनियों से प्रभावित होते हैं। उनकी इस सोच को CNBC-TV18 की एक रिपोर्ट में उल्लेखित किया गया है।
भारत के प्रतिष्ठित उद्योगपति और टाटा संस के मानद चेयरमैन रतन टाटा का हाल ही में, 9 अक्तूबर 2024 को, 86 वर्ष की आयु में निधन हो गया था। उनकी दूरदर्शी सोच और नेतृत्व ने उन्हें हर दिल का प्रिय बना दिया।
रतन टाटा का जीवन और दृष्टिकोण आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बना रहेगा।