Wednesday, February 5, 2025
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किन्नर ने कर दिया गलत काम, कोर्ट ने दी बीस साल की सजा

बरेली के मीरगंज में करीब ढाई साल पहले सात साल की बच्ची से हुए दुष्कर्म के मामले में आरोपी किन्नर फरीन ने सुनवाई के दौरान कोर्ट को गुमराह करने की पूरी कोशिश की लेकिन एजीपीजीआई की रिपोर्ट ने पूरे मामले को खोल दिया। सुनवाई के दौरान 27 सितंबर 2024 को एसजीपीजीआई में आरोपी की लिंग निर्धारण परीक्षण रिपोर्ट में वह पुरुष किन्नर निकला। उसमें एक्स-वाई क्रोमोसोम होने की बात भी सामने आई। कोर्ट ने धारा 506 और पॉक्सो एक्ट की धारा 06 के तहत दोषी को 20 साल की सजा सुनाई।

दरअसल, पीड़िता की मां की तहरीर पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जब बच्ची का मेडिकल कराया था तो उसमें रेप की पुष्टि हुई थी। पीड़िता ने अपने कलम बंद बयान में भी किन्नर फरीन द्वारा दुष्कर्म करने की बात कही थी। पीड़िता ने बताया था कि टीवी दिखाने और खीरा दिलाने की बात कहकर फरीन उसे अपने साथ घर ले गया। वहां किन्नर ने डरा-धमकाकर बच्ची से दुष्कर्म किया। लेकिन कोर्ट में सुनवाई के दौरान आरोपी को उसके परिजन महिला किन्नर बताकर उसे निर्दोष साबित करने पर तुले थे। विशेष कोर्ट में दिए अपने बयान 313 सीआरपीसी में फरीन ने खुद को महिला किन्नर बताते हुए रास्ते के विवाद को लेकर पीड़िता की मां द्वारा फर्जी केस में फंसाने की बात कही थी। फरीन किन्नर की पड़ोसी नसरीन भी उसके पक्ष में गवाही देने कोर्ट पहुंची थी। नसरीन ने विशेष कोर्ट में कहा कि वह फरीन को जन्म से जानती है। फरीन जन्म से महिला किन्नर है।

 किन्नर के वकील के कहने पर ही हुआ था लिंग परीक्षण

विशेष लोक अभियोजक राजीव तिवारी ने बताया कि सुनवाई में फरीन किन्नर के अधिवक्ता ने अर्जी देकर महिला किन्नर होने की दलील देते हुए उसके लिंग निर्धारण परीक्षण कराने की विशेष कोर्ट से गुहार की। कोर्ट के आदेश पर फरीन किन्नर का एसपीजीआई लखनऊ में लिंग निर्धारण परीक्षण हुआ। 27 सितंबर 2024 को लिंग निर्धारण रिपोर्ट के अनुसार फरीन पुरुष किन्नर निकला। रिपोर्ट में उसके एक्स-वाई क्रोमोसोम पाए गए। जिससे उसके पुरुष होने की पुष्टि हुई।

सात गवाह किए गए पेश

विशेष लोक अभियोजक राजीव तिवारी व आलोक प्रधान ने पीड़िता समेत गवाह पेश किए थे। गवाहों के बयान व किन्नर की लिंग निर्धारण रिपोर्ट के आधार पर कोर्ट ने धारा 506 में दो साल कैद और 2000 अर्थदंड लगाया। वहीं 20 साल कैद व 10 हजार का जुर्माना लगाया। कोर्ट ने कहा कि यदि जुर्माना नहीं दिया तो एक साल अधिक कैद होगी।

ऑपरेशन कन्विक्शन के तहत चल रही थी निगरानी

एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया डीजीपी महोदय द्वारा चलाए जा रहे अभियान ऑपरेशन कन्विक्शन के तहत पुलिस चिन्हित सनसनीखेज आपराधिक मामलों में लगातार पैरवी कर अभियुक्त को सजा दिलाती है। यह मामला भी इन प्रकरण में शामिल कर लगातार पैरवी कर सजा दिलाई गई। इसमें ऑपरेशन कन्विक्शन के नोडल अधिकारी एसपी सिटी मानुष पारीक, पॉक्सो कोर्ट तीन के विशेष लोक अभियोजक राजीव कुमार, विवेचक तत्कालीन इंस्पेक्टर दयाशंकर, कोर्ट मोहर्रिर कांस्टेबल राहुल गोस्वामी, पैरोकार रीता सिंह और मॉनीटरिंग सेल के हेड कांस्टेबल राजीव कुमार की अहम भूमिका रही।

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