एस.आई. भर्ती 2021 से जुड़े मामले में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे एस.आई. को फील्ड ट्रेनिंग के लिए भेजने के पुलिस मुख्यालय के आदेश को हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है। इस पर हाई कोर्ट सोमवार को सुनवाई करेगा। पुलिस भर्ती और पदोन्नति बोर्ड के एडीजी विपिन कुमार पांडेय द्वारा जारी किए गए आदेशों में कहा गया था कि 2021 में सभी प्रशिक्षु एस.आई. को व्यावहारिक प्रशिक्षण के लिए निर्धारित रेंज के जिलों में भेजा जाए। याचिकाकर्ता कैलाश चंद शर्मा ने पुलिस मुख्यालय के आदेश पर रोक लगाने के लिए एक स्टे एप्लिकेशन दायर की है। इसमें बताया गया है कि हाई कोर्ट ने मूल याचिका पर सुनवाई करते हुए 18 नवंबर को पूरी भर्ती प्रक्रिया में यथास्थिति बनाए रखने के आदेश दिए थे, लेकिन सरकार इस आदेश का पालन नहीं कर रही है। याचिकाकर्ता के वकील हरेंद्र नील ने कहा कि सरकार ने मामले में जवाब पेश करने के लिए 2 सप्ताह का समय मांगा था, लेकिन एक महीने बीतने के बावजूद सरकार ने कोई जवाब नहीं दिया। इसके अलावा, कोर्ट के आदेश की अवहेलना करते हुए प्रशिक्षु एस.आई. को फील्ड में भेजने के आदेश जारी कर दिए गए।
उन्होंने यह भी बताया कि मूल याचिका में हमने कोर्ट से पूरी भर्ती प्रक्रिया को रद्द करने की अपील की है, जिस पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यथास्थिति का आदेश दिया था और सरकार से पूछा था कि वह भर्ती पर अपनी स्थिति स्पष्ट करे। लेकिन सरकार ने अब तक अपना जवाब नहीं दिया है।
सुनवाई से पहले 20 ट्रेनी एस. आई. निलंबित हाई कोर्ट में सुनवाई से पहले पुलिस विभाग ने अब तक 20 ट्रेनी एस.आई. को सस्पेंड कर दिया है। शुक्रवार (3 जनवरी) को जयपुर, उदयपुर रेंज के 11 ट्रेनी एस.आई. को निलंबित किया गया था। वहीं रविवार को बीकानेर रेंज आई.जी. ने 8 और अजमेर रेंज आई.जी. ने एक ट्रेनी एस.आई. को निलंबित कर दिया।
एस.ओ.जी. पेपर लीक मामले में अब तक 45 ट्रेनी एस.आई. को गिरफ्तार कर चुकी हैं। जिसमें से 25 ट्रेनी एस.आई. जमानत पर बाहर आ चुके हैं।
ट्रेनी एस.आई. को ट्रेनिंग के लिए जिलों में रवाना करने के मायने एस.आई. भर्ती पर कैबिनेट बैठक में फैसला टलने के बाद ही सभी ट्रेनी एस.आई. को जिलों में भेजने के आदेश की चर्चा हो रही है। इसे एस.आई. भर्ती 2021 पर सरकार की तरफ से फैसला नहीं करने से जोड़कर देखा जा रहा है। इसे तकनीकी तौर पर अहम माना जा रहा है। कैबिनेट बैठक के बाद एस.आई. भर्ती के सवाल पर कानून मंत्री जोगाराम पटेल ने कहा था कि यह मामला कैबिनेट के ऐजेंडे में नहीं था। मामला कोर्ट में विचाराधीन है, इसलिए इस पर ज्यादा कमेंट नहीं कर सकते।